स्वीडन की टेलीकॉम कंपनी एरिक्सन भ्रष्टाचार की जांच बंद करवाने के लिए 100 करोड़ डॉलर (7100 करोड़ रुपए) के भुगतान के लिए तैयार हो गई। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने शुक्रवार को ये जानकारी दी। एरिक्सन ने कई सालों तक चीन, विएतनाम समेत अन्य देशों में सरकारी अफसरों को रिश्वत दी थी। अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्टेड होने की वजह से वहां एरिक्सन के खिलाफ जांच चल रही थी। बता दें एरिक्सन वही कंपनी है जिसने अनिल अंबानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी।
एरिक्सन 16 साल तक भ्रष्टाचार में लिप्त रही
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक एरिक्सन ने माना है कि उसने फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (एफसीपीए) का उल्लंघन किया। 2000 से 2016 तक रिश्वत देने और खातों में हेर-फेर जैसी गतिविधियों में लिप्त रही। कंपनी ने कारोबार जारी रखने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी।
एरिक्सन के सीईओ बोरजे एकहोम ने शनिवार को सफाई दी कि कुछ बाजारों में उसके कर्मचारियों ने भरोसा तोड़ा। जो कुछ हुआ वह कंपनी के इतिहास में एक खराब अध्याय है। एरिक्सन का कहना है कि उसने अपने एंटी करप्शन प्रोग्राम की समीक्षा की है, इसमें सुधार के लिए कदम उठाए हैं।
एरिक्सन के विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी को अवमानना का दोषी माना था
एरिक्सन ने अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम के खिलाफ पिछले साल दिवालिया याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बकाया 550 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं मिलने पर अनिल अंबानी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर दी थी। कोर्ट ने इस साल फरवरी में अंबानी को अवमानना का दोषी ठहराया। सजा से बचने के लिए अंबानी ने तय समय में एरिक्सन को भुगतान कर दिया था।
एरिक्सन ने 2014 में आरकॉम का टेलीकॉम नेटवर्क संभालने के लिए 7 साल की डील की थी। इस मामले में उसका आरोप था कि आरकॉम ने 1,500 करोड़ रुपए की बकाया रकम नहीं चुकाई। पिछले साल दिवालिया अदालत में सेटलमेंट प्रक्रिया के तहत एरिक्सन इस बात के लिए राजी हुई कि आरकॉम सिर्फ 550 करोड़ रुपए का भुगतान कर दे